निधिवन वृन्दावन – निधिवन की सच्ची कहानी
निधिवन का रहस्य दुनिया की रहस्मयी जगहों में सबसे रहस्मयी मन गया है श्री भगवान् बांके बिहारी लाल जी का निधिवन प्राकट्य स्थल हैं यहाँ पर स्वामी हरिदास जी ने 12 साल तक तपस्या की थी अपनी संगीत साधना से उन्होंने हृदय से भगवान को प्रकट किया था स्वामी हरिदास जब यहां 1535 के आसपास आए थेतब यह पूरा जंगल था आसपास कुल 12 वन हैवृंदावन उन्हें में से एक है वृंदावन अर्थात तुलसी का वन यहां पर अलग-अलग प्रकार की तुलसी है निधिवन वह स्थल है जहां पर हमारे ठाकुर जी ने 8 वर्ष की आयु में रास जब उन्होंने अपनी मुरली बजाई थी तो तीनों लोगों के देवता गण व्याकुल हो गए थे यह सभी उसे रास में आना चाहते थे शिवजी गोपी का रूप धारण करके अपने ठाकुर जी की रासलीला में आए थे इसलिए गोपेश्वर महादेव का मंदिर भी निधिवन के पास है जिसमें शिव जी का गोपी का रूप है|
निधिवन मंदिर – Nidhivan Mandir
निधिवन में अंदर रास स्थल है जहां श्री कृष्ण जी ने रास किया था रंग महल का मंदिर है जहां श्री कृष्ण जी ने राधा जी का सिंगार किया थाबंसी कर राधा रानी जी का मंदिर है जहां पर राधा रानी जी के हाथ में बंसी हैजो कि किसी और मंदिर में नहीं है और यहां पर स्वामी हरिदास जी की समाधि स्थल भी है यहां पर कवि रसखान का भी समाधि स्थल है जो कि श्रीकृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे
हरिदास जी कौन थे ?
हरिदास जी के शिष्य थे तानसेन जो की अकबर के राज में नवरत्न में से एक रत्न थे अकबर स्वयं तानसेन जी के गुरु हरिदास जी से मिलने आया था |
जो श्री बांके बिहारी लाल जी के लिए चढाने के लिए इत्र लाया था इसलिए आज भी निधिवन में इत्र की सेवा चलती है
यहीं पर हरिदास जी की समाधि स्थल भी है यह एक तपोस्थली है
रात में निधिवन – Nidhivan at night
निधिवन में रात्रि में अगर किसी ने चुपके से अंदर रहने की कोशिश की है तो सुबह उसे मारा या मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ पाया गया है
इसलिए रात्रि में वहां पर पशु पक्षी भी नहीं रुकते हैं|
नीचे निधिवन वृंदावन का समय भी हमने लिखा है
निधिवन का चमत्कार
निधिवन में एक दैविक चमत्कार का दावा द्वापर युग से चला आ रहा है दिन भर लाखों श्रद्धालु निधिवन में आते हैं लेकिन शाम ढलते ही निधिवन को बंद कर दिया जाता है निधिवन का रहस्य यह है कि शाम ढलते ही निधिवन के हजारों पेड़ गोपियों का रूप धारण कर लेते हैं और उन गोपियों के साथ रासलीला करने स्वयं श्री कृष्णा आते हैं वहां पर निधिवन में एक रंग महल भी है जहां पर हर सुबह श्री कृष्ण के आने के प्रमाण मिलते हैं ठाकुर जी की चांदी की सेज है जिसे फूलों से सजा दिया जाता है लड्डू रख दिए जाते हैं दातुन रखी जाती है वह जल लोटे में रखा जाता है यह सभी चीज सुबह बिखरी पाई जाती हैं दातुन चबाई मिलती है लड्डू खाए हुए मिलते हैं निधिवन का रहस्य ऐसा है कि शाम ढलते ही इंसान क्या बंदर पक्षी मोर सभी निधिवन से बाहर चले जाते हैं अगर आपने बचपन में साइंस पढ़ी होगी तो अपने ग्रेविटी और फोटो सिंथेसिस दोनों के बारे में पढ़ा होगा पौधा हमेशा सूरज की रोशनी की तरफ बढ़ता है लेकिन निधिवन के वृक्ष नीचे की ओर जाते हैं पूरा तना सुख रहता है लेकिन पत्तियां हरी भरी है आश्चर्य परंतु सत्य यहां 16108 ( सोलह हज़ार एक सौ आठ ) वृक्ष हैश्री कृष्ण की 16108 रानियां थी यह मान्यता है कि निधिवन के पेड़ ब्रिज कीराज को छूना चाहते हैं इसलिए वह धरती की ओर झुके हुए हैं और ऐसे वृक्ष केवल निधिवन में पाए जाते हैं यह सभी वृक्ष रात्रि में गोपियों बन जाते हैं हर गोपी के साथ श्री कृष्ण रासलीला करते है|
नीचे निधिवन वृंदावन का समय भी हमने लिखा है
निधिवन का समय – Nidhivan timings
निधिवन खुलने का समय
गर्मी में – सुबह – 5:00 AM ( निधिवन के खुलने का समय )
शाम – 7:00 PM ( निधिवन के बंद होने का समय )
सर्दी में – सुबह – 6:00 AM ( निधिवन के खुलने का समय )
शाम – 5:30 PM ( निधिवन के बंद होने का समय )
निधिवन वृंदावन के चित्र – Nidhivan Vrindavan pictures