वृंदावन को ब्रज का हृदय कहा जाता है यहां भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी ने अपनी लीलाएं की थी अब अगर दिल्ली से वृंदावन जाने की तैयारी करनी है तो सर्वप्रथम हमें देखना है कि वृंदावन की दूरी दिल्ली से कितनी है|
वृंदावन की यात्रा कैसे प्लान करें – तो दिल्ली से वृंदावन लगभग 162 किलोमीटर है, ट्रेन से जाने पर करीब 2 घंटे लगते हैं और बस से ढाई घंटे दिल्ली से कई ट्रेन चलती हैं प्रतिदिन 7:20 पर सॉन्ग गलियां एक्सप्रेस 6 नंबर प्लेटफार्म से छुट्टी है और अगर आपको बस से जाना है तो रेड बेस्ट एप डाउनलोड करके जा सकते हैंअब आप जब मथुरा स्टेशन पहुंचते हैं तो आपको वहां पर ऑटो या ई रिक्शा या चार नंबर की UP परिवहन की ऑरेंज कलर की बस आसानी से मिल जाती हैजो की रात 8:00 बजे तक चलती हैआप कोई भी साधन करके वृंदावन तक पहुंच सकते हैं बस का किराया ₹10 है जो कि आपको अटाला चौक वृन्दावन,या बस स्टैंड तक छोड़ देती है, ऑटो या ई रिक्शा मायावती चौक,वृन्दावन तक छोड़ते हैं वहां से फिर दूसरा ई रिक्शा बांके बिहारी तक आसानी से पहुंचा जा सकता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वृंदावन में मायावती चौक में सुबह 8:00 बजे से पुलिस की बेरिकेट लगी रहती है जो की 12:00 बजे दोपहर तक रहती है फिर शाम को 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक रहती है|
बाँके बिहारी मंदिर
वृंदावन में रुकने की जगह – वृंदावन में दर्शन करना है तो सर्वप्रथम वहां पहुंचने के पश्चात रुकने की जगह सही मिल जाए तो अति उत्तम है तब घूमने में वह दर्शन करने में आनंद आ जाता है और हमारे बजट के अनुकूल व्यवस्था मिल जाए तो और भी अच्छा वैसे तो आपको बांके बिहारी जी के मंदिर, प्रेम मंदिर व इस्कॉन मंदिर के आसपास से लेकर 1200 से 1500 तक का एक रूम आराम से मिल जाता है| वृंदावन में रुकने की जगह और कहां-कहां है वह यह है- चैतन्य विहार,गौरी गोपाल आश्रम, महाराजा अग्रसेन धर्मशाला और सरकारी पर्यटक सुविधा केंद्र (टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर) वृंदावन में रुकने की जगह यू.पी सरकार की ओर से है इसका लोकार्पण मोदी जी और योगी जी के सहयोग से किया गया है यमुना एक्सप्रेस वे की तरफ से रोड आ रही है यह उसी रोड के पास स्तिथ हैं इसमें कार, बाइक, बस पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है | टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर में आपको सिर्फ 50 रूपए के भी दिन के किराये में रहने की सुविधा मिल जाएगी
महाराजा अग्रसेन धर्मशाला
टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर
मथुरा वृंदावन के दर्शनीय स्थल – मथुरा वृंदावन मैं असंख्य दर्शनीय स्थल है, करीब 5000 मंदिर है मथुरा वृंदावन में अब आप अगर 2 दिन के लिए ठहर रहे हैं तो सबसे पहले आपको मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि, श्री द्वारकाधीश मंदिर, विश्राम घाट यमुना जी का किनारा जरुर देखना चाहिए सर्वप्रथम बांके बिहारी जी के दर्शन राधा वल्लभ जी के दर्शन निधिवन राधा रमण जी के दर्शन केसी घाट, चीर घाट, राधा दामोदर मंदिर यह सभी मंदिर पैदल आप आराम से दर्शन कर सकते हैं अन्यथा थोड़ी-थोड़ी दूर के लिए वहां ई रिक्शा चलते हैं फिर अंदर गलियों में तो आपको पैदल ही चल कर दर्शन करने होंगे श्री कृष्ण भगवान जी कृष्ण भगवान जी के इन मंदिरों में जो विग्रह हैं वह मनुष्य के द्वारा मूर्ति बनाई नहीं गई है सात विग्रह पृथ्वी से प्रकट हुए और उनके बारे में विस्तार से आपको अगले लेख में जरूर बताएंगे अगर आपके पास समय है तो प्रेम मंदिर व इस्कॉन अवश्य जाइए वृंदावन के सभी मंदिर प्रातः 8:00 बजे से 12:00 बजेया 1:00 तक खुलती हैं फिर शाम 4:30 से वह रात 9:00 बजे तक खुलते हैं भीड़ वाले दिन जाने से अवश्य बचे जैसे शनिवार रविवार या छुट्टियों का दिन|
कृष्ण जन्मभूमि
अगर आप इच्छुक श्री कृष्ण जी और राधा जी से जुडी और भी जानकारियां एवं मथुरा वृन्दावन के मंदिरो से जुडी विचित्र कहानियों के बारे में जरूर हमें ज्वाइन करे हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप को , हम वहा भी लेख भेजते रहेंगे। तब तक के लिए राधे राधे|