महाकुंभ 2025 – Mahakumbh 2025
महाकुंभ क्या होता है –
महाकुम्भ का अर्थ अमरत्व का मेला होता हैं, पवित्र स्नान समारोह
कुम्भ चार प्रकार के होते हैं –
1. सामान्य कुम्भ हर 3 साल में होता हैं
2. अर्ध कुम्भ हर 6 साल में होता हैं
3. पूर्ण कुम्भ मेला हर 12 साल में होता हैं
4. परन्तु महाकुम्भ मेला 144 वर्ष में केवल 1 बार होता हैं और वह भी केवल प्रयागराज में होता हैं |
यह प्रयागराज में संगम घाट में होता हैं
महाकुम्भ क्यों मनाया जाता हैं –
देवताओं और दैत्यों के बीच में अमृत के लिए जो युद्ध हुआ था उसके सम्मान में मनाया जाता हैं
ये युद्ध 12 दिन तक चला चला था देवताओं के 12 दिन मनुष्यो के 12 वर्ष के बराबर माने जाते हैं
इसी वजह से हर 12 वर्ष के बाद कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता हैं
पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूँदें ४4 जगहों पर गिरी और इसीलिए उन्ही
4 जगहों पर कुम्भ का आयोजन किया जाता हैं –
1 – हरिद्वार
2 – प्रयागराज
3 – उज्जैन
4 – नाशिक
महाकुम्भ मेला अनुष्ठानो का जीवंत मिश्र हैं
यह गंगा , यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर होता हैं
इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान को करने के लिए प्रयागराज तैयार हैं |
संगम नगरी प्रयागराज में कुंभ मेला 13 जनवरी, 2025 से शुरू होगा जो 26 फरवरी 2025 तक चलने वाला हैं|
जनता के कुछ प्रश्नो का हम यहाँ जवाब देना चाहते हैं जैसे –
144 साल वाला महाकुंभ कब लगेगा?
उत्तर प्रदेह के प्रयागराज में हर 12 साल में कुम्भ का आयोजन किया जाता हैं और इस बार 144 साल में एक बार आने वाला महाकुंभ प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से शुरू होगा जो 26 फरवरी 2025 तक चलेगा|
इलाहाबाद में पिछला कुंभ कब लगा था?
तो पिछला कुम्भ तब हुआ था जब प्रागराज इलाहाबाद कहलाया करता था और ये कुंभ हुआ था 12 साल पहले 2013 में, इसलिए अब अगला कुम्भ 2025 में 13 जनवरी को प्रारब्ध होगा|
2025 में माघ स्नान कब है?
तोह इस बार प्रयागराज में माघ स्नान 26 जनवरी 2025 से 24 फरवरी 2025 तक चलेगा